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Showing posts from February, 2017

रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं जिन्दगी के सफ़र में

रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं जिन्दगी के सफ़र में ,  मंजील तो वहीँ है जहां ख्वाहिशे थम जाए..!! BHAGI JAT

आगे सफर था

आगे सफर था , और पीछे हमसफर था, रूकते तो सफर छूट जाता, और चलते तो हमसफर छूट जाता..!! मंजिल की भी हसरत थी, और उनसे भी मोहब्बत थी, ए दिल तू ही बता, उस वक्त मैं कहाँ जाता..!! मुद्दत का सफर भी था, ...

बस यही सोचकर किसी से शिकवा ना किया

बस यही सोचकर किसी से शिकवा ना किया मैंने, कि अपनी जगह हर इंसान सही हुआ करता है..!! BHAGI JAT

कुछ पन्ने क्या फटे जिन्दगी की किताब क

कुछ पन्ने क्या फटे जिन्दगी की किताब के , जमाने ने समझा हमारा दौरे ही खत्म हो गया..!! BHAGI JAT