दुआ कौन सी थी ‎हमे‬ याद नही बस इतना याद है

दुआ कौन सी थी ‎हमे‬ याद नही बस इतना याद है,
दो ‎हथेलियाँ‬ जुड़ी थी एक ‎तेरी‬ थी ‎एक‬ मेरी थी..!!
BHAGI JAT

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