भीड़ में अपनी अलग पहचान रख
भीड़ में अपनी अलग पहचान रख,
खुद में ज़िंदा इक भला इंसान रख,
इस हथेली में अगर दिल रख दिया,
उस हथेली मे तू अपनी जान रख,
बेईमानी से बना तू काम सब,
पर दिखाने के लिए ईमान रख,
एक दिन ये क़र्ज़ आड़े आएगा,
कोई भी सर पे नही एहसान रख,
नोट की गड्डी चढाता भक्त वो,
घूस देता है तुझे भगवान रख,
सच की जो कमज़ोर सी आवाज़ है,
उसको सुनना है तो चौकस कान रख,
बोझ ये कन्धे उठा जितना सकें ,
संग अपने उतना ही सामान रख,
आज दुश्मन से मिला ले हाथ तू,
सुलह का भी रास्ता आसान रख,
जिस्म ये बूढा न होने पायेगा,
दिल में अपने इक जवां अरमान रख..!!
BHAGI JAT
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