ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई

ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में भी लिपट कर,
सोने में सिमटकर मरे हे कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं..!!
BHAGI JAT

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