Wo Meri Jindgi Mai Aayi Sirf Ye Batane,
Ke Dekh Akele Kaise Jiya Jata Hai..!!
जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं अपना शहर
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जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं अपना शहर छोड़ने को,
वरना कौन अपनी गली मे जीना नहीं चाहता,
हसरतें आज भी खत लिखती हैं मुझे,
पर मैं अब पुराने पते पर नहीं रहता..!!
BHAGI JAT
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