जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह

जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह,
ऐ खुदा,
फिर क्यू मेरा ही दिल तडपता है उसके लिए..!!
BHAGI JAT

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