रहो सब के दिल में ऐसे कि

रहो सब के दिल में ऐसे कि,
जो भी मिले तुम्हें अपना समझे,
बनाओ सबसे रिश्ता ऐसा कि,
जो भी मिले फिर से मिलने को तरसे,
दोस्त तो मिल जायेगें लाखों,
इस दुनिया में मगर,
निभाओ दोस्ती ऐसी कि लोग तुम्हें,
दोस्त नहीं अपना मुकद्दर समझें..!!
BHAGIJ AT

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