!!..किसी शायरने मौत को क्या खुब कहा है..!!

!!..किसी शायर ने मौत को क्या खुब कहा है..!!
जिंदगी मे २ मिनट कोई मेरे पास ना बैठा,
आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे..!!
कोई तौफा ना मिला आज तक,
और आज फुल-हि-फुल दिये जा रहे थे..!!
तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये,
और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे..!!
दो कदम साथ चलने को तैयार न था कोई,
और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे..!!
आज पता चला मुझे कि “मौत” कितनी हसिन होती है,
कम्बख्त,
हम तो युहि ‘जिंदगी’ जिये जा रहे थे..!!
BHAGI JAT

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