टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया

टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया,
वरना,
ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी..!!
BHAGI JAT

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