गहराई "दोस्ती" की हम "नापते" भी तो कैसे

गहराई "दोस्ती" की हम "नापते" भी तो कैसे ?
"रिश्ता" हमारा कभी “तकरार” तक नहीं पहुंचा..!!
BHAGI JAT

Comments

Popular posts from this blog