वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच

वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच,
मैंने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था "इश्क" हज़ारों के बीच..!!
BHAGI JAT

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