तजुर्बे ने एक बात सिखाई है......
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है......
किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर,
'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर,
कई जीत बाकी हैं, कई हार बाकी हैं,
अभी तो जिंदगी का सार बाकी है,
यहा से चले हैं नयी मज़िल के लिए,
ये एक पन्ना था अभी तो किताब बाकी है..!!
BHAGI JAT
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