बहूत नायाब शख्स थे हम अपनी ज़िन्दगी में

बहूत नायाब शख्स थे हम अपनी ज़िन्दगी में,
ए दोस्त,
ना जाने किसकी दुआ कबूल हुई,
और हम मोहब्बत कर बैठे..!!
BHAGI JAT

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