जो मिटा सके हमारी शोहरतोँ के पन्ने

जो मिटा सके हमारी शोहरतोँ के पन्ने,
वो दम किसी मेँ कहाँ,
शूक्र है तलवारेँ म्यान के अन्दर है वरना,
जो टिक सके हमारेँ सामने वो सर कहाँ..!!
BHAGI JAT

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