मयखाने सजे थे, जाम का था दौर

मयखाने सजे थे जाम का था दौर,
जाम में क्या था ये किसने किया गौर,
जाम में गम था मेरे अरमानो का,
और सब कह रहे थे एक और एक और..!!
BHAGI JAT

Comments

Popular posts from this blog