मेरी देहलीज़ पे आ रुकी है दास्तान ए मोहब्बत

मेरी देहलीज़ पे आ रुकी है दास्तान ए मोहब्बत,
मेहमान नवाजी का शौक भी है और उजड़ जाने का खौफ भी है..!!
BHAGI JAT

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