शांत बैठा हुँ तो ये मत समझना कि आग नहीँ है मेरे अंदर

शांत बैठा हुँ तो ये मत समझना कि आग नहीँ है मेरे अंदर,
डरता हुँ कहीँ समन्दर कम ना पड़ जाये बुझाने के लिये..!!
BHAGI JAT

Comments

Popular posts from this blog