आज कुछ नही है मेरे शब्दों के गुलदस्ते में,

आज कुछ नही है मेरे शब्दों के गुलदस्ते में,
ऐ दोस्तों,
कभी-कभी मेरी ख़ामोशियाँ भी पढ़ लिया करो..।।
BHAGI JAT

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