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Showing posts from November, 2016

शौक नही है मुझे जज्बातों को यूँ सरेआम

शौक नही है मुझे जज्बातों को यूँ सरेआम लिखने का, मग़र क्या करूँ जरिया बस यही है, अब तुझसे बात करने का..!! BHAGI JAT

परिन्दों की फिदरत से आयी थी वो मेरे दिल में

परिन्दों की फिदरत से आयी थी वो मेरे दिल में , जरा पंख निकल आये तो आशियाना छोड़ दिया..!! BHAGI JAT

खतों से मीलों सफर करते थे जजबात कभी

खतों से मीलों सफर करते थे जजबात कभी , अब घंटों बातें कर के भी दिल नही मिलते..!! BHAGI JAT

Kuch toh zaroor bahut acha hai tum-me

Kuch toh zaroor bahut acha hai tum-me , Fir zara si buraiyon ka hisaab kya rakhna.. BHAGI JAT

Apni Kimat Utni Rakhiye Jitni Ada Ho

Apni Kimat Utni Rakhiye Jitni Ada Ho Sake, Agar Anmol Ho Gaye To Tanha Ho Jaaoge..!! BHAGI JAT